Navratri 2024 Dates
वैदिक पंचांग
दिनांक – 02 अक्टूबर 2024
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)
शक संवत -1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – अश्विन (गुजरात-महाराष्ट्र भाद्रपद)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या रात्रि 12:18 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी दोपहर 12:23 तक तत्पश्चात हस्त
योग – ब्रह्म 03 अक्टूबर रात्रि 03:23 तक तत्पश्चात इन्द्र
राहुकाल – दोपहर 12:28 से दोपहर 01:57 तक
सूर्योदय -06:31
सूर्यास्त– 18:24
दिशाशूल – उत्तर दिशा मे
व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या,आश्विन अमावस्या,सर्व पित्री अमावस्या का श्राद्ध,अज्ञात तिथि वालो का श्राद्ध,महालय समाप्त,पित्र पक्ष समाप्त,कंकणाकृति सूर्यग्रहण (भारत मे नही दिखेगा,नियम पालनीय नही है)
विशेष – अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
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~ वैदिक पंचांग ~
शारदीय नवरात्रिः सफलता के लिए
03 अक्टूबर 2023 गुरुवार से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ ।
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क्या करें क्या न करें पुस्तक से
~ वैदिक पंचांग ~
अमावस्या
02 अक्टूबर 2024 बुधवार को अमावस्या है ।
अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)
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~ वैदिक पंचांग ~
धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए
हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।
विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।*
*आहुति मंत्र*
१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*
~ वैदिक पंचांग ~