जोधपुर की जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी का चुनाव जीत कर सबसे पहले अध्यक्ष बने थे उसी दिन से विधायक बनने का सपना देख लिए थे।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के ठीक 1 महीने पहले बीजेपी से टिकट मिलने के उम्मीद से बीजेपी ज्वाइन करते हैं। लेकिन पर्चा भरने के आखिरी तारीख से 2 दिन पहले टिकट आरएसएस के बेहद ही करीबी बीजेपी के जिला अध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा को दे दिया जाता है।
बगावत करते हुए रविंद्र सिंह भाटी पर्चा दाखिल कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लेते हैं। आखिरकार 26 साल के युवा अरविंद सिंह भाटी को शिव विधानसभा क्षेत्र से 3950 वोटो से विजय घोषित किया जाता है।
1 साल पहले शिव विधानसभा में रन फोर रेगिस्तान के नाम से युवाओं के लिए बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें रविंद्र सिंह भाटी के लिए हजारों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए थे।