Dev Uthani Ekadashi 2023: हिंदू सनातनी धर्म के अनुसार देव उठानी एकादशी का बहुत ही ज्यादा महत्व माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। कुछ लोग तो देवउठनी के दिन तुलसी पूजा का भी प्रावधान करने की मान्यता रखते हैं, जिसमें माता तुलसी और शालिग्राम की पूजा करते हैं।
देवउठनी के दिन श्रद्धा भाव से पूजा पाठ करने का बहुत ही अधिक लाभ मिलता है। आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको यह बताएंगे कि देवउठनी एकादशी पर क्या करें?
देवउठनी एकादशी पर क्या करना चाहिए?
देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें इसका उल्लेख हम नीचे विस्तार पूर्वक करेंगे, जो निम्नलिखित इस प्रकार है:
ऐसी मान्यता है कि देवउठनी के दिन भगवान विष्णु जी को पांच अमृत से स्नान करना चाहिए। जिसके बाद पीले वस्त्र को धारण करवा कर भगवान विष्णु जी को रोली और चंदन का टीका लगाकर भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के कष्टों का निवारण होता है और सदा सुख शांति की प्राप्ति होती है।
कुछ लोग तो यह भी मानते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी की पूजा आराधना विधिपूर्वक करनी चाहिए। सुबह प्रात: काल स्नान करके घर की साफ – सफाई करके महालक्ष्मी जी के समक्ष घी का दीपक जलाकर उनकी स्तुति करनी चाहिए।
ऐसा करने से माता लक्ष्मी की अपार कृप्या बनी रहती है और घर में सुख समृद्धि तथा वैभव की कभी भी कमी नहीं रहती है। माता लक्ष्मी साक्षात रूप में अपने भक्तो को संपूर्ण आशीर्वाद प्रदान करती है।
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की स्तुति करनी चाहिए। जिसके लिए “ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का निरंतर जाप करते रहना चाहिए।
देवउठनी एकादशी के दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु स्वरुप शालिग्राम की स्तुति करके दोनों का विवाह करवाने की भी मान्यता है। जिसके लिए एकादशी का व्रत रखकर विधिपूर्वक पूजा की जानी चाहिए।
देवउठनी एकादशी का व्रत विधिपूर्वक कैसे करें?
देवउठनी एकादशी के दिन व्रत को विधि पूर्वक निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है। जिसका उल्लेख हम नीचे करेंगे, जो इस प्रकार है।
- सबसे पहले तो आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्रों को धारण करना है। फिर माता लक्ष्मी जी के समक्ष दीपों को जलाकर उनकी पूजा करनी है।
- इसके बाद निर्जला कारसी जिसे हम एकादशी कहते हैं, उसका व्रत धारण करके आचरण करना है।
- इसके बाद फिर एक कलश में जल को भरकर सूर्य देव को अर्ग देना चाहिए।
- अब माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की स्तुति करते हुए उनको तिलक अर्पण करना है।
- फिर भगवान विष्णु जी को पीले सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
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